Poetry

मैं स्वयं समुद्र हूँ!

सीपियों की गोद में, बूँद सी सदा पली, नीर को निखारकर, एक नदी में हूँ ढ़ली, उफ़ान में हुंकार हूँ, उतार में झंकार सी, सतह पर उतरी जो मैं, कश्ती कई उबार दी, मोतियों को गर्भ के असीम अंत में रखा, तरंग के उछाल ने वितान शीर्ष भी चखा, सजा दिए, तो बस्तियों के छोर […]

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बुनावट

कहानियाँ लिख नहीं पाती इसलिए क़िस्से लिखने की कोशिश करती हूँ। निराशा के अनुभवों से उपजे सवालों के जवाब जब आसपास मिलें तो समझना आसान नहीं होता पर ज़रूरी होता है। अमूमन, उदासी और दर्द से घिरे इंसान से हम यही कहते हैं कि जो भी मुश्किल है उसके हल की ओर ध्यान दो। हो […]

Stories

लैंडमार्क

“अरे यार! कोई लैंडमार्क तो बताओ ना। मैं आसपास ही हूँ गूगल मैप के हिसाब से”- राज ने झल्लाते हुए फ़ोन पर कहा। “इतना चिढ़ कर आना है तो आने का क्या फायदा है”- फ़ोन के दूसरी तरफ़ मौजूद निधि ने रूठे हुए स्वर में जवाब दिया। भनभनाते हुए बोली – “ITC, बंगाल है लैंडमार्क। […]

अनुवाद (Translated Poem)

मैं फिर भी उड़ूँगी!

तुम कर सकते हो मुझे इतिहास में दर्ज़ अपने कडवे, मनगढ़ंत झूठ के साथ तुम मिला सकते हो मुझे धूल में फिर भी, उसी धूल की तरह, मैं उड़ूँगी। क्या मेरी जीवंतता तुम्हें उदास करती है? तुम क्यों इतनी घोर निराशा से भरे जाते हो? इसलिए कि मैं ऐसे जीती हूँ जैसे हूँ तमाम अभावों […]

शजर शृंखला

शजर-5

कोई वक़्त तकता, कोई पहर देखता है, मेरा दिल वो सूखा शजर देखता है है शुकराना उन बेज़ुबाँ पंछियों को, सूखी डालों का भी, रहा ख़्याल जिनको बाक़ि ये ज़माना है मशगूल ख़ुद में, कोई इधर देखता है, कोई उधर देखता है, मेरा दिल वो सूखा शजर देखता है… तकते हैं उसकी जानिब, कई लोग […]

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काँच में आईना

कहने वालों ने बहुत कुछ कहा, पढ़ने वालों ने तरह तरह के तर्क पाए। महसूसने की उस बात को अनगिनत तरीकों से गद्य में पढ़ा गया। हर बार निराली ही तर्ज़ पर कविताओं में गढ़ा गया। याद है ना? एक कवि ने सबसे बुरा ‘जाने की क्रिया को बताया’ तो दूसरे ने ‘ हमारे सपनों […]

Poetry

इबादत

जब भी हमने भरी उड़ानेंपत्थर हमपर भी उछले थे,जितने आए पत्थर ऊपरउतने अपने पंख खुले थे,नज़रे हमने रखीं सदा ही,सीमा पार वितानों के,फिर तो कोई निशां न छूटा,धरती से पड़े निशानों के, जबसे नील गगन में फैलेपरों ने अपने गश्त लगाई,कभी आँधी, कभी तूफ़ां बनकर,अनगिन मुश्किल उनपर आई,कभी घनेरी बदली छाई,और अंधियारा लेकर आई,परों ने […]

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