Poetry

प्रेम का संसार….

बारहवाँ रस, सत्रहवाँ शृंगार होना चाहिए, अब कुछ अलग सा प्रेम का संसार होना चाहिए जो सभी ने है सुना, लिख, कह गए शायर सभी, उन कल्पनाओं से इतर, सच-द्वार होना चाहिए,l अब कुछ अलग सा प्रेम का संसार होना चाहिए छरहरा न भी ये तन हो, रूप में लावण्य कम हो, सौंदर्य के प्रतिमानों […]

Quotes

प्रेम

हर खाँचे में जो ढ़ल जाए, प्रेम नहीं है, हालातों से बदल जो जाए, प्रेम नहीं है, विरह सोच भर लेने से मुरझाने वाला, ग़र डाल से बिछड़े फूल से निखरा, प्रेम नहीं है।   

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