सृजन - Our Sahityashala

भरा पड़ा इतिहास हमारा,वीरों के बलिदानों से।

शत्रु सीमा लांघ ना पाए,हैं वीर खड़े चट्टानों से।भरा पड़ा इतिहास हमारा,वीरों के बलिदानों से।शीश झुका ना कभी हमारा,लड़कर वतन बचाया है,वीरकथा सी माटी कर दी,कर उत्सर्ग जवानों नेभरा पड़ा इतिहास हमारा,वीरों के बलिदानों से।मिलती वर्दी जिनको है,वो किस्मत वाले होते हैं।वे सीमा पर जाग रहेतब चैन से हम घर सोते हैंप्रेम इन्हें हर भारतवासी […]

बच्चों के नाम

शुभाशीष! (सत्र 2023-24)

सालों साल गुज़र गए परन्तु परीक्षाओं का समय हर विद्यार्थी के लिए सामान्य से अलग ही रहता आया है। किसी के लिए डर वाला, किसी के लिए फ़िक्र वाला, किसी के लिए उत्साह वाला, किसी के लिए उम्मीदों वाला और किसी के लिए अनुभव वाला। उसके कारण कई हैं व्यवस्था,समाज,भविष्य, परिवार, सपने इत्यादि।हमने अनेक लेख, […]

बच्चों के नाम

शुभाशीष! ( सत्र 2022-23)

मनुष्यों के भीतर असीम स्थान होता है। वह लगभग सबकुछ अपने भीतर ताउम्र रख सकते हैं। जिस पल माँ की कोख़ से निकल किसी अस्पताल के बिस्तर पर आँखें खोलते हैं, तभी से भीतर उन स्थानों को समेटने की कला उसे आ जाती है।अस्पताल के माहौल का अजनबीपन, माँ की गोद की ममता, घर में […]

सृजन - Our Sahityashala

स्त्री…

तुम डरते हो हाथ मिलाने सेबेटियों को आगे बढ़ाने सेना समान दर्जा देते होऔर भेदभाव भी तो करते होबेटों को पढ़ने भेजाबेटी की शिक्षा से इनकारबेटों के जन्म पर जश्न मनाबेटी को कोख़ में दिया मारलड़कियों को कमतर कहने वालोंसोच तुम्हारी है लाचारहर क्षेत्र शक्ति पर नज़र घुमा लो,लडकियाँ कर रही हर तरफ़ कमालअब समझो, […]

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