ऐसा तो कुछ नहीं जो साधारण परिवार में जन्में बच्चे अपने माता-पिता से या सम्पर्क में आए किसी अपने से न सुन पाया हो। हाँ, लेकिन जैसे पहनावे, भाषा, व्यवहार आदि विषयों में एक फ़ॉर्मल तरीका होता है, इस किताब में उन्हीं सारी बातों, विचारों, आदतों, तरीकों को पर्यवेक्षण के साक्ष्यों के आधार पर भाषा […]
