Quotes क़फ़स 2 Comments जिस परिंदे ने किया तय, क्षितिज छू कर लौट आना, कितनी उसमें कैफ़ियत थी, क़फ़स में किसने ये जाना? © Nikki Mahar | Writeside
Quotes अव्यक्त उदासी No Comments किसी विचार की सही तार्किकता तब जान पाओगे, उसके बनने की परिस्थितियाँ जब पहचान जाओगे। © Nikki Mahar | WriteSide
Quotes पीड़ा No Comments पीड़ा की भी अपनी ज़ुबान होती है, आहद पीर नाद से कहती है, अनहद महज़ नीर बन बहती है। – Nikki Mahar I Writeside
Quotes फ़र्क़ No Comments अनुभूति और सहानुभूति के फ़र्क़ से बेख़बर समाज ही कोमल को कमज़ोर मान लेने की भूल करता है। © Nikki Mahar | Writeside