शजर-1
शिकायत ये नहीं उसको भ्रमर ने हाथ छोड़ा है,
ग़िला ये भी नहीं कि शूल ने डालों को मोड़ा है,
शजर हूँ मैं वो जिसका हर सिरा महके है माटी से,
भला इस बात पे ग़म क्या कि गुल ने साथ छोड़ा है।
-Nikki Mahar | Writeside
Place: Munsyari, Uttarakhand
Pic courtesy : @traveler_pnkz