Poetry

विदा

मुझे हमेशा लगता है
आँखो में नमी
और सुकून की कमी छुपाते हुए
जो हाथ मज़बूती से
सूटकेस को थाम कर
चढ़ते हैं किसी रेलगाड़ी में
या उड़ते हैं हवाई जहाज में
वो हाथ उस वक़्त
अलविदा में हिलते हाथों से
कहीं ज़्यादा कमज़ोर होते हैं
.

.
बस उनका काँपना
होता है भीतर की ओर
ताकि दे सकें संबल
बाहर काँपते उन हाथों को
जो अलविदा में उठे हों।

 

©  Nikki Mahar  | Writeside
तस्वीर: Google

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